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Child Custody

Child Custody के लिए भारतीय कानून और सर्वोत्तम रणनीतियाँ

भारतीय कानूनों में बाल अभिरक्षा (Child Custody) का मुख्य उद्देश्य बच्चे का सर्वोत्तम हित है। जब माता-पिता के बीच तलाक या अलगाव होता है, तो बाल अभिरक्षा का प्रश्न उठता है। भारतीय कानून बाल अभिरक्षा के लिए विभिन्न प्रावधान प्रदान करते हैं, जो बच्चे की सुरक्षा, देखभाल और शिक्षा को प्राथमिकता देते हैं। इस ब्लॉग […]

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Sale of Goods Act

Sale of Goods Act and Its Impact on Commercial Contracts in India

The Sale of Goods Act, 1930 (SOGA) is the cornerstone of commercial law in India, regulating contracts related to the sale of goods. This legislation establishes a framework that ensures transparent and fair dealings between buyers and sellers. Businesses engaging in the sale of goods must be well-versed with this act to avoid legal pitfalls

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POCSO Act in Hindi

POCSO Act in Hindi: यौन अपराध और कानूनी सुरक्षा

भारत में यौन अपराधों की रोकथाम और सजा के लिए पॉक्सो अधिनियम, 2012 (POCSO Act in Hindi) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं का उपयोग किया जाता है। पॉक्सो अधिनियम खासतौर पर बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। इसके तहत किसी भी बच्चे के प्रति यौन

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Key Changes in the Indian Evidence Act A Comprehensive Guide to Bharatiya Sakshya Adhiniyam 2023

Key Changes in the Indian Evidence Act: A Comprehensive Guide to Bharatiya Sakshya Adhiniyam 2023

Introduction: The Need for Modernizing India’s Evidence Law The Indian Evidence Act (IEA) of 1872 was a pioneering statute that defined the rules of evidence for courts in India. However, over the decades, societal and technological transformations rendered parts of the IEA outdated. The Bharatiya Sakshya Adhiniyam 2023 was introduced to modernize evidence law, aligning

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धारा 302 आईपीसी

धारा 302 आईपीसी: हत्या का अपराध और इसके कानूनी प्रावधान

धारा 302 आईपीसी: परिचय और संक्षिप्त विवरण भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) की धारा 302 आईपीसी हत्या जैसे गंभीर अपराध के लिए कानूनी प्रावधान करती है। इस धारा के अंतर्गत, हत्या को जानबूझकर और गैरकानूनी रूप से किसी व्यक्ति की जीवन समाप्त करने की कार्रवाई के रूप में परिभाषित किया गया है। धारा 302 की

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मनीष सिसोदिया की जमानत

मनीष सिसोदिया की जमानत: सुप्रीम कोर्ट का ‘जमानत नियम है, जेल अपवाद’ सिद्धांत का पीएमएलए मामलों में ऐतिहासिक लागूकरण

परिचय: मनीष सिसोदिया और दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामला मनीष सिसोदिया, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता, को फरवरी 2023 में दिल्ली एक्साइज नीति के तहत भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। इस नीति का उद्देश्य शराब के व्यापार को नियंत्रित करना था, लेकिन सिसोदिया पर आरोप लगा कि

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Judicial Custody and Self-Incriminatory Statements: Inadmissibility in PMLA Cases

Judicial Custody and Self-Incriminatory Statements: Inadmissibility in PMLA Cases and The Rule of Bail over Jail

Introduction to Self-Incriminatory Statements in Judicial Custody In the realm of criminal law, the protection against self-incrimination is a fundamental right enshrined under Article 20(3) of the Indian Constitution. This provision prevents any person accused of an offense from being compelled to be a witness against themselves. This right becomes particularly relevant in cases under

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